आज के दौर के नेताओं से बिल्कुल अलग… सादगी और सच्चाई की मिसाल… कर्म को ही अपना धर्म मानने वाले गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर भले ही अब हमारे बीच नहीं रहें लेकिन उनका काम के प्रति निष्ठा व आखिरी वक्त तक जज्बे के साथ देश सेवा के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
वर्ष1955 में गोवा के मापुसा गांव में जन्में मनोहर पर्रिकर ने लोयोला हाई स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की थी और वर्ष 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट डिग्री हासिल की। मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक जीवन उपलब्धियों से भरा रहा। वह चार बार गोवा के सीएम रहे। 14 मार्च, 2017 को मनोहर पर्रिकर चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने थे। आखिरी वक्त तक वो बीमारी से लड़ते हुए भी मुख्यमंत्री बने रहे। मनोहर पर्रिकर पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे और वह इस गंभीर बीमारी से लगभग एक साल से फरवरी 2018 से जूझ रहे थे।
गोवा की राजनीति में मनोहर पर्रिकर की पकड़ काफी मजबूत थी। यही नहीं वह अपनी सादगी की वजह से जनता के बीच काफी लोकप्रिय नेता भी थे। जब वर्ष 2014 में मनोहर पर्रिकर को रक्षा मंत्री बनाया गया था, तब वह सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए अकसर उनके बीच पहुंच जाया करते थे।
भला यह कौन भूल सकता हैं कि मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते ही भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान और आतंकियों को सबक सिखाया था।
मनोहर पर्रिकर ने कभी भी अपने आपको हाईप्रोफाइल दिखाने की कोशिश नहीं की। कई बार वह कार्यकर्ताओं की बाइक पर ही बैठकर क्षेत्र में लोगों से मिलने निकल जाया करते थे, तो कभी किसी कार्यक्रम में पर्रिकर आम आदमी की तरह कतार में भी खड़े हो गए थे।
मनोहर पर्रिकर की पहचान थी हवाई चप्पल और हाफ शर्ट –
मनोहर पर्रिकर को साइकिल चलाना बहुत पसंद था। वह अकसर अपने खाली वक्त में साइकिल चलाया करते थे। हवाई चप्पल और हाफ शर्ट ही उनकी पहचान हुआ करती थी। उन्हें सुरक्षा की कोई चिंता नहीं रहती थी… वह खाने के लिए कभी भी स्कूटर उठाकर सड़क किनारे ढाबे पर पहुंच जाया करते थे और आम आदमी के साथ बैठकर खाना खाया करते थे। अपनी मिलनसार स्वभाव के कारण वह ना सिर्फ बड़े-बड़े नेता या विपक्ष पार्टी के लोगों बल्कि बच्चों के भी दिल के काफी करीब थे और साथ ही लोकप्रिय भी।
मनोहर पार्रिकर को खेल में फुटबॉल था पसंद –
अपनी सादगी भरी छवि के लिए जानने वाले मनोहर पर्रिकर को फुटबॉल खेलना बहुत पसंद था। जब कभी भी उन्हें वक्त मिला करता तो वह बराबर फुटबॉल के ग्राउंड में खिलाड़ियों के बीच पहुंच जाया करते थे।
मनोहर पर्रिकर के लिए आम आदमी की तरह रहना उनकी सबसे बड़ी ताकत –
मनोहर पर्रिकर हमेशा दिखावे की राजनीति जीने से कोसो दूर रहते थे। उनका मानना था कि “कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है”… मनोहर पर्रिकर भगवान को भी मानते थे इसलिए वह रोजाना अपना कुछ समय निकालकर पूजा-पाठ किया करते थे।
नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वासी और करीबी थे मनोहर पर्रिकर –
बता दें कि मनोहर पर्रिकर की बेदाग छवि और सादगी की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गोवा से केंद्र की राजनीति में लेकर आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वासी और करीबी हुआ करते थे मनोहर पर्रिकर।
यही नहीं, मनोहर पर्रिकर ने कभी भी जातिगत राजनीति नहीं की। वह गोवा के हर वर्गों में लोकप्रिय हुआ करते थे। उनके पास कोई भी कैसा भी समस्या लेकर आता वह उस पर गंभीरता से विचार किया करते थे।
आज देश ने एक सच्चा, ईमानदार और साहसी नेता मनोहर पर्रिकर को खो दिया है और उनके निधन से पूरा देश गमगीन है।