लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दूसरे चरण की वोटिंग 18 अप्रैल, 2019 को पुरी हुई। देश के 12 राज्यों की 95 सीटों पर करीब 68 फीसदी लोगों ने मतदान किया। वहीं, इन 95 सीटों पर वर्ष 2014 में मात्र 65 फीसदी वोटिंग ही पड़ी थी। अगर पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना करें तो इस वर्ष 3 फीसदी अधिक वोट पड़े हैं। जबकि 2009 के चुनाव में 62.49 फीसदी वोट ही पड़े थे।
गौरतलब है कि दो चरण के मतदान पूरा हो जाने का बाद राजनीतिक दल अपने-अपने नफा और नुकसान के आकलन में तेज़ी से जुट गए हैं कि आखीर सियासी हवा किस के पक्ष में बह रही है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि वोटिंग के यह आकंड़े विपक्ष के समीकरण को बिगाड़ेंगे या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए मुसीबत का सबब बनेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दूसरे चरण की जिन 95 सीटों पर गुरुवार को वोट पड़े हैं, वहां पर कुल 1629 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हैं। हांलाकि इन सभी प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला 23 मई को होगा।
दूसरे चरण में कहां ज्यादा और कहां कम वोट पड़े –
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में सबसे ज्यादा मतदान पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में 80.47 फीसदी रहा और सबसे कम मतदान जम्मू-कश्मीर में 45.2 फीसदी रहा। वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की आठ सीटों पर हुए चुनाव में करीब 62.30 फीसदी मतदान हुए हैं। देखा जाए तो पिछले चुनाव की तुलना में सिर्फ मामूली बढ़ोत्तरी ही हुई है।
दूसरे चरण के नतीजे नरेंद्र मोदी के लिए क्यों है महत्वपूर्ण –
दूसरे चरण की जिन 95 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई है अगर गौर करें तो इन्हीं सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 27 सीटें जीतने में सफल रही थी। जबकि, एनडीए के पास 64 सीटें ही थी। ऐसे में दूसरा चरण के नतीजे नरेंद्र मोदी के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।